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Saturday, February 21, 2009

नीयत-संतोष

10,20,25,50 हजार वेतन लेकर नीयत नहीं भरती, “पूरा नहीं पड़ता”।
10,20,25,50 रूपये रिश्वत लेकर संतोष हो जाता है, शायद; “पूरा पड़ जाता है”।
"शाम को दारू जो पीनी है..... आख़िर बुरे काम का नतीजा

भी तो भुगतना है"।

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