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Saturday, February 21, 2009

हड़ताल

हड़ताल,हड़ताल,हड़ताल(मोटे शब्दों को पढ़ कर भी समझ सकते हैं )
कहीं बच्चों की शिक्षा दांव पर,
कहीं यात्री परेशान ,तो कहीं बीमार हलकान
मतलब…..कटना आम आदमी(जनता)को है।

उसमें हड़ताली भी आ जाते है।
क्यों छोटी-मोटी मांगों के लिए हड़ताल करते हो (भूखे तो नहीं मर रहे न)
बड़ा सोचो,बार-बार हड़ताल करने से अच्छा है कि
घर बैठे वेतन पाने के
लिए एक ही बार हड़ताल करो।
बड़ी हड़ताल करो न।
चुनाव आने वाले हैं ,सरकार भी नाक रगड़ कर मानेगी,और कुछ कर नहीं सकती
अगर करे भी तो न्यायलय है ही उसकी नजर में जनहित नहीं कर्मचारी हित सर्वोपरि होता है।

2 comments:

  1. आपने घर बैठे वेतन पाने के लिए हड़ताली कर्मचारियों को अच्छी सलाह दी है पर वह इनके नेताओं को समझ आनी चाहिए हड़ताल भी भ्रष्टचार की श्रेणी में आनी चाहिए

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  2. भई जब नेता हराम का खाते हैं तो कर्मचारीओं को खाने से क्यों रोके

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