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Friday, January 30, 2009

पब कल्चर (रक्ष:संस्कृति)

रक्ष: का मतलब राक्षस होता है।
श्रीरामसेना मतलब “वानर सेना”
इन्होने “वही” किया जो “वानर करते हैं” ।
“न्यूज चैनल”
इस आधार पर कुछेक न्यूज चैनलों ने
(एन.डी. टी.वि.विनोद दुआ लाइव २९.१.०९)
संस्कृति और स्वतंत्रता को मुद्दा बना कर संस्कृति के ठेकेदारों को बहुत ललकारा।
कुछ को अपने सामने बुला कर
(कुछ को फोन पर) सवाल-जवाब भी किए।
जिस तरह “ रंभाती हुयी भैंस के आगे बीन बजाओ कोई नही सुन पायेगा”
वह स्वयं क्या सुनेगी, इन्होंने भी नहीं सुना। कोई फिजा-चाँद को “ब्रेक” ले
लेकर बेचता है तो कोई पब कल्चर को सही ठहराने के लिए श्रीराम सेना के
हमले की आड़ लेकर संस्कृति और संस्कारों पर प्रश्नचिंह लगाता है।
समाज के ठेकेदारों को ललकारता है कि यही संस्कृति है ?
“जवाब”
मैं बता दूँ , बेशक श्री रामसेना ने अतिवादी तरीका अपनाया जो ग़लत था।

लेकिन; जो कार्य , उन्होंने हाथ-पैर चला कर किया ,वही कार्य न्यूज चैनल
गाल बजा कर रहे हैं।पूरी हिंदू सभ्यता को ही कोसने लगे हैं। भारत एकपितावादी
संस्कृति पर आस्था रखने वाला देश है। यहाँ जितने धर्म और संस्कृतियाँ हैं सभी एकपितावादी संस्कृति पर विश्वास करने वाले हैं। बहुपितावादी चलन जंगली
जानवरों में होता है।दुर्भाग्य से यही चलन कुछ पाश्चात्य देशों में भी है। और
हमारे यहाँ भी विदेशियों की जूठन खाकर इसके कुछ समर्थक पैदा हो गए हैं ,वही इस संस्कृति को बढावा देना चाहते हैं।और इस संस्कृति के ठेकेदार बन बैठे हैं। उनके लिए वही श्रेष्ठ है, कई बाप वाले ही अपनी बहन- बेटियों को पबकल्चर अपनाने दे सकते हैं।
ये तर्क तो ग़लत हैं की पुरूष भी ऐसा ही करते हैं, अगर कोई नियम-कानून
तोड़ता है या कीचड़ में लोटपोट हो रहा है तो सभी उसे देख कर वैसा ही करने
लगें।

6 comments:

  1. आपने एकदम सटीक लिखा है विनोद दुआ को अपने शरीर व दिमाग की
    चर्बी कम करनी चाहिए

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  2. दुआ जी आपके कितने..... हैं

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  3. wh bhai dil khush kar diya ...............jara inse puchho ki kya bharat ko bhi ingland banane den jahan 17% bachcho ko baap ka nam nahi pata hota aur 44%striyan khule aam gair mardo ke saath soti hai .................

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  4. आपने हमारे दिल की बात लिख दी
    ये लोग अनैतिकता को ही प्रगतिवाद समझते हैं धन्य है इनकी बुद्धि को

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  5. बहुत अच्छे आपने सही लिखा है
    टेंशन फ्री कर दिया

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  6. श्रीराम सेना वाले जब उत्पात कर रहे थे तो मीडिया वाले हाथ में कैमरा क्यूँ पकड़े थे? आगे जाकर विरोध नहीं कर सकए थे?

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