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Tuesday, December 2, 2008

मुंबई में हमला
सभी नुकसान में रहे
आम आदमी, नेता, भवन, सुरक्षाबल, अधिकारी, कर्मचारी
यहाँ तक की ख़ुद आतंकवादी भी।
पर

कोई फायदे में भी रहा-----
कौन?
आप अंदाजा लगाइए में आपको सुझाता हूँ ,
१. उनके हाथ महामुद्दा लग गया है।
२. उनके सामने अपार विषय खुल गए हैं।( बहस पेश कराने को)।
३. कई तरह के अजीबोगरीब तरीकों से प्रस्तुतीकरण करके बात का बतंगड़ बनाने का पुराना तरीका अब अपडेट हो रहा है।
४. किसी भी साधारण बात या घटना को अपने तरीके से अर्थ बनाने में काफी माहिर होते है, मतलब, “ख़बर का गोबर- और गोबर की
ख़बर”बनाना इनको सबसे पहले सिखाया जाता है।
५.
नेता उनके सबसे ज्यादा शिकार होते हैं, क्योंकि बात का बतंगड़ नामक तीर ये उन्ही पर आजमा पाते हैं । हालाँकि कभी- कभी ये साधारण आदमी और सरकारी अधिकारी- कर्मचारी के भी कपड़े उतार देते है।
६.
अपने मन से किसी बात का अर्थ -अनर्थ करने के साथ ही ये विशेषज्ञ और विशलेषकों को बुलाते हैं ताकि लोग इन्हें ग़लत न समझें।
७. इस समय भारत में इनसे ज्यादा चालाक और नैतिक-अनैतिक कमाई करने वाला शायद ही दूसरा कोई हो, क्योंकि ये सगाई से लेकर शादी तक और तलाक भी दिखा देते है।
(अगर मोटी पार्टी हो)।
जी हाँ लगता है अब आप समझ गए (मैंने कुछ ज्यादा ही टिप्स दे दिए)
कुछ टी.वी. न्यूज चैनल आप भी यही समझे थे न?

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